Not known Details About Shodashi
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Community feasts Participate in a significant purpose in these activities, in which devotees come with each other to share foods that often incorporate regular dishes. This kind of meals rejoice each the spiritual and cultural facets of the Pageant, maximizing communal harmony.
अष्टैश्वर्यप्रदामम्बामष्टदिक्पालसेविताम् ।
सच्चिद्ब्रह्मस्वरूपां सकलगुणयुतां निर्गुणां निर्विकारां
प्राण प्रतिष्ठा में शीशा टूटना – क्या चमत्कार है ? शास्त्र क्या कहता है ?
॥ इति श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः सम्पूर्णः ॥
ह्रींमन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।
ईक्षित्री सृष्टिकाले त्रिभुवनमथ या तत्क्षणेऽनुप्रविश्य
ह्रींश्रीर्मैंमन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा
The iconography serves as a focal point for meditation and worship, permitting devotees to attach With all the divine Power with the Goddess.
॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥
यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।
कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं तां वन्दे सिद्धमातृकाम् ॥५॥
In essence, Goddess Shodashi signifies the divine prospective in just each individual unique, guiding them on a route of inner attractiveness, knowledge, and spiritual fulfillment. Her existence from the life of devotees evokes them to hunt harmony, practice compassion, and approach lifetime with website gratitude and humility.